Home Latest Biography Famous Peoples Politician Poet About us Contact us

Latest

खिम साहेब | Khim Saheb Biography in Hindi

खिम साहेब


खिम साहेब रविभान संप्रदाय के एक प्रतिभाशाली संत कवि हैं।

वह इस संप्रदाय के पहले व्यक्ति, भानसाहेब के पुत्र यानी शिष्य थे

उनकी माता का नाम भानबाई था और वे जाति से लोहाना (ठक्कर) थीं।

खिम साहेब का जन्म वाराही (जिल्ला- बनासकांठा) में हुआ था। 

उन्होंने क्षेत्र के खारवाओ (मछली पकड़ने के समुदाय) में 'रवि-भान सम्प्रदाय' का प्रचार किया।

उनका सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान मेघवाल गरवा ब्राह्मण जाति के त्रिकम साहब को दिक्षा देके  रवि-भान संप्रदाय में साधुओं के प्रतिभाशाली संत कवियों की पूरी परंपरा के बीज बोने का काम है।

जिसमें से हमें कई संत रत्न मिले हैं जैसे त्रिकम साहब, भीम साहब, दासी जीवन, नथूराम, बालक साहब, पीठो भगत, अक्कल साहब, लक्ष्मी साहब।

उन्होंने छोटी से लेकर बड़ी तक कई रचनाएँ दी हैं। खिमदास की लंबी रचना 'चिंतामणि ’और 'चेतमानी’ (हिंदी में) के अलावा, हिंदी-गुजराती और कच्छी बोलियों में, का फी, गरबी, आरती की रचनाओं के साथ-साथ कई अलग-अलग भजन हैं।

उन्होंने 1771में निर्मित दरियास्थान-रापर (ता। रापर, जिला कच्छ) नामक स्थान में उन्होंने 1801 में जिंदा समाधी ली।