Home Latest Biography Famous Peoples Politician Poet About us Contact us

Latest

मदर टेरेसा | Mother Teresa Biography in Hindi

मदर टेरेसा
 

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कॉप्जे (अब मसेदोनिया में) में हुआ।

मदर टेरेसा का वास्तविक नाम ‘अगनेस गोंझा बोयाजिजू’ था।

उनके पिता निकोला बोयाजू एक साधारण व्यवसायी थे।

जब वह मात्र आठ साल की थीं तभी उनके पिता परलोक सिधार गए,  जिसके बाद उनके लालन-पालन की सारी जिम्मेदारी उनकी माता द्राना बोयाजू के ऊपर आ गयी।

7 अक्टूबर 1950 को उन्हें वैटिकन से ‘मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी’ की स्थापना की अनुमति मिल गयी। इस संस्था का उद्देश्य भूखों, निर्वस्त्र, बेघर, लंगड़े-लूले, अंधों, चर्म रोग से ग्रसित और ऐसे लोगों की सहायता करना था जिनके लिए समाज में कोई जगह नहीं थी।

मदर टेरेसा की मिशनरीज संस्था ने 1996 तक करीब 125 देशों में 755 निराश्रित गृह खोले जिससे करीबन 5 लाख लोगों की भूख मिटाई जाने लगी। टेरेसा ने ‘निर्मल हृदय’ और ‘निर्मला शिशु भवन’ के नाम से आश्रम खोले। ‘निर्मल हृदय’ आश्रम का काम बीमारी से पीड़ित रोगियों की सेवा करना था, वहीं 'निर्मला शिशु भवन’ आश्रम की स्थापना अनाथ और बेघर बच्चों की सहायता के लिए हुई, जहां वे पीड़ित रोगियों व गरीबों की स्वयं सेवा करती थीं

मदर टेरेसा को उनकी सेवाओं के लिये विविध पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किय गया है। 

१९३१ में उन्हें पोपजान तेइसवें का शांति पुरस्कार और धर्म की प्रगति के टेम्पेलटन फाउण्डेशन पुरस्कार प्रदान किय गया।

भारत सरकार द्वारा १९६२ में उन्हें 'पद्म श्री' की उपाधि मिली।

विश्व भारती विध्यालय ने उन्हें देशिकोत्तम पदवी दी जो कि उसकी ओर से दी जाने वाली सर्वोच्च पदवी है। अमेरिका के कैथोलिक विश्वविद्यालय ने उन्हे डोक्टोरेट की उपाधि से विभूषित किया

१९८८ में ब्रिटेन द्वारा 'आईर ओफ द ब्रिटिश इम्पायर' की उपाधि प्रदान की गयी।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी-लिट की उपाधि से विभूषित किया। 

१९ दिसम्बर १९७९ को मदर टेरेसा को मानव-कल्याण कार्यों के हेतु नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया।

वर्ष 1983 में 73 वर्ष की आयु में मदर टेरेसा रोम में पॉप जॉन पॉल द्वितीय से मिलने के लिए गईं। वही उन्हें पहला हार्ट अटैक आ गया। इसके बाद साल 1989 में उन्हें दूसरा हृदयाघात आया। लगातार गिरती सेहत की वजह से 05 सितम्बर, 1997 को उनकी मौत हो गई।

Some Quotes of Mother Teresa:

मै चाहती हूँ की आप पडोसी के बारे में चिंतिति हो.

हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के समान है.

यदि आप सौ लोगो को खाना नहीं खिला सकते तो एक को तो जरूर खिलाईये.

चमत्कार यह नहीं की हम कोई काम करते है बल्कि यह है की हमें काम को करने से ख़ुशी मिलती है.

जहाँ जाईये प्यार फैलाइए, जिससे जो भी आपके पास आये वह खुश होकर लोटे.